देहरादून। मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास का 26 फ़रबरी को निधन हो गया वे 73 वर्ष के थे। जगजीत सिंह , तलत अज़ीज़ की तरह पंकज उधास को भी ग़ज़ल गायकी को आम लोगों तक पहुँचाने का श्रेय जाता है। ५० से ज्यादा एल्बम रिलीज़ कर चुके हैं। लेकिन ख्याति उन्हे ‘नाम ‘ फिल्ल्म के गाने ‘चिट्ठी आयी है चिट्ठी आयी है ‘ से ज्यादा मिली। 2006 में पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
राजकोट में जन्में पंकज उधास के भाई निर्मल उधास और मनहर उधास भी गायक है। मनहर उधास से प्रेरणा लेकर पंकज गाने लगे थे।राजकोट की संगीत नाट्य अकादमी में भर्ती हो गए और तबला बजाने की बारीकियों को सीखा, उसके बाद, उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से विज्ञान स्नातक डिग्री की पढ़ाई की और एक ‘बार’ में काम शुरू कर दिया, तथा समय निकालकर गायन का अभ्यास करते रहे।
संघर्ष के दौर में पंकज उधास ने गजल गायकी के लिए उर्दू सीखी फिर कुछ साल कनाडा और अमेरिका में कार्यकर्मों में गजल गायकी से अपने को मजबूत करते रहे , भारत लौट कर उन्होंने फिल्मों में गाना सुरु किया लेकिन सफल नहीं हुए। पहली सफलता नाम फिल्म से मिली उसके बाद तो उन्होंने मुड़ नहीं देखा।
उनका पहली ग़ज़ल एल्बम आहट 1980 में रिलीज़ हुआ था। उसके बाद एक के बाद एक एल्बम रिलीज़ होती रही।
आहट (1980)
मुक़र्रर
तरन्नुम
नबील
नायाब
शगुफ्ता
अमन
महफ़िल
राजुअत (गुजराती)
बैसाखी (पंजाबी)
गीतनुमा
याद
स्टॉलेन मूवमेंट्स
कभी आँसू कभी खुशबू कभी नाघुमा
हमनशीं
आफरीन
वो लड़की याद आती है
रुबाई
महक
घूंघट
मुस्कान
इन सर्च ऑफ मीर (2003)
हसरत
भालोबाशा (बंगाली)
एंडलेस लव
यारा – उस्ताद अमजद अली खान का संगीत
शब्द – वैभव सक्सेना और गुंजन झा का संगीत
शायर (2010)
साभार : गूगल विकिपीडिया