देहरादून। सरदार भगवानसिंह विश्वविद्यालय ने दो दिवसीय राष्ट्रीय परिचर्चा की मेजबानी की , विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसाइटीने(17 फरवरी,2024)को सरदार गुरचरणसिंह मेमोरियल 15वीं राष्ट्रीयवाद-विवाद प्रतियोगिता का समापन किया।राष्ट्रीयवाद-विवाद का विषय था “शैक्षिक अवसरों को संतुलित करने और प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए भारत में विदेशी विश्वविद्यालओं की स्थापना आवश्यक है।” ।देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के १०० से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.(डॉ )अनीता रावत(डायरेक्टर,यूएसईआरसी)ने शिरकत की। प्रो. (डॉ )जेकुमार(कुलपति) ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ भेटकर स्वागत किया।कुलपतिने सभाओं का स्वागत कियाऔर कहा कि एक राष्ट्रीयस्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिता छात्रों कोराष्ट्रीयस्तर पर पहचान हासिल करने और अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अतिरिक्त बढ़त देती है। निर्णायक मंडल के डॉ. आर के अग्रवाल (उत्कृष्टवैज्ञानिक, डीआरडीओ (सेवानिवृत्त)), डॉ. कुणाल कुमारदास (वरिष्ठवैज्ञानिक, इसरो (सेवानिवृत्त))और डॉ. हर्षा (एचओडी, माइक्रोबायोलॉजीमदरहुडयूनिवर्सिटी) ने दो दिवसीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का निर्णय सुनाया। विभिन्न श्रेणियों में विजेता इस प्रकार रहे:
सर्वश्रेष्ठटीम: लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी।
अंग्रेजी श्रेणी में
प्रथम पुरस्कार विजेता: यतिन (लवलीप्रोफेशनलयूनिवर्सिटी, जालंधर)।
द्वितीय पुरस्कार विजेता: निखिल सहोत्रा (हिमाचलप्रदेशविश्वविद्यालय)।
तृतीय पुरस्कार विजेता: राधिका नवानी (श्रीदेवसुमन)।
हिंदी श्रेणी में
प्रथम पुरस्कार विजेता: सताक्षी शर्मा (लॉ कॉलेज उत्तराँचल यूनिवर्सिटी ,देहरादून )।
द्वितीय पुरस्कार विजेता: विधान मलिक (लवलीप्रोफेशनलयूनिवर्सिटी)
तृतीय पुरस्कार विजेता: आयुष सचदेव (एनआईपीईआर, मोहाली)
मुख्य अतिथि ने विजेताओं को बधाई दी और उन्हें ट्रॉफीऔर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यअतिथि ने समाज के सदस्यों की उनकी प्रतिबद्धता,दृढ़ता के लिए सराहना की और उन्हें इस तरह के और आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर प्रो. (डॉ) जेकुमार(कुलपति),प्रो. वीरमाराम (डायरेक्टर, फार्मास्यूटिकलसाइंसेज एंड टेक्नोलॉजी), प्रो. मनीषअरोड़ा (डीनस्टूडेंटवेलफेयर), कुमारी उर्मी चौरसिया (परीक्षानियंत्रक),श्रीज़ोरावरसिंह (मैनेजर)फैकल्टी, स्टाफऔरछात्रउपस्थितथे।डॉ मेघना वधवा(संयोजकडिबेटिंगसोसाइटी) द्वारा दिए गए औपचारिक धन्यवाद प्रस्तावके साथ कार्यक्रम का शानदार समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ मेघना वधवा साथ समन्वय में बिंदु(बीपीटी,चतुर्थवर्ष)द्वार किया गया।