देहरादून। हिमगिरी ज़ी विश्वविद्यालय ने 21 जनवरी, 2024 को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, निम्बूवाला , गढ़ीकैंट में अपना 17वां स्नातक दिवस मनाया, इस अवसर पर विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि के 400 से अधिक छात्र- छात्राओं ने अपनी उपाधियाँ प्राप्त की। इस समारोह में स्नातकों, स्नातकोत्तरों, पीएचडी धारकों, डिप्लोमा धारकों और स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारकों ने अपने जीवन के एक नए अध्याय में प्रवेश किया। इस अवसर पर 13 छात्रों को स्वर्ण पदक, 13 छात्रों को रजत पदक व 13 छात्रों को कांस्य पदक से नवाजा गया। वहीं 40 छात्रों को मेधावी छात्रों की श्रेणी में पुरूस्कृत किया गया।
विख्यात पर्यावरणविद सच्चीदानंद भारती इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अपने संबोधन में दोहराया कि 21वीं सदी के छात्रों को पेशेवर कौशल के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को भी विकसित करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ान खान ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में उन्होंने हिमगिरी जी विश्वविद्यालय को पूरी ईमानदारी से देश के भविष्य को संवारने के लिए बधाई दी। कुलपति प्रो. (डॉ.) नागेंद्र पाराशर ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां और सफलताएं साझा की। उन्होंने छात्र- छात्राओं की अकादमिक यात्रा पर विचार करते हुए कहा कि, “हिमगिरि ज़ी विश्वविद्यालय न केवल करियर बल्कि चरित्र को आकार देने के महत्व पर भी जोर देता है। उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राएं इसका एक प्रमाण हैं।“ उन्होंने बताया कि, “हमारे छात्रों ने अपने शैक्षणिक प्रयासों में असाधारण समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया है। आज, हम उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के फल के गवाह हैं ।” जी लर्न के सी.ई.ओ. मनीष रस्तोगी ने कहा की, “छात्र जीवन के स्वर्णिम काल के सबसे अहम पड़ाव है आज का ये आयोजन। मुझे मेधावियों को सम्मानित होता देख खुशी हो रही है। मैं जानता हूं आपकी यात्रा आसान नहीं थी। लेकिन अगर पहाड़ खड़ा न हो, और चढ़ाई ने आपके संकल्प की परीक्षा न ली हो, तो दृश्य इतना रहस्योद्घाटन या प्रेरणादायक नहीं होता। अब आप शिखर पर खड़े हैं, और अवसर आपके सामने फैला हुआ है। कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अम्पू हरिकृष्णन और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की प्रशासनिक टीम ने कार्यक्रम के व्यवस्था को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हिमगिरी ज़ी विश्वविद्यालय अगली पीढ़ी के नायक-नायिकाओं का चारित्रिक व पेशेवर विकास जारी रखेगा, इस ही संकल्प के साथ 17वां स्नातक दिवस सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।