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कांवड़िए अपने आचरण को प्रेरक बनाएं

कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा और कांवडिय़ों के गुस्से में उबल पडऩे की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोई भी पर्व-त्योहार और साधना बिना आत्मानुशासन के पूरे नहीं होते।

कांवडिय़ों के उग्र व्यवहार की घटनाएं पिछले कुछ दिनों से खबरें बनी हैं, और आम जन में इस प्रकार के उग्र आचरण का कोई अच्छा संदेश नहीं जा रहा। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कहना पड़ा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान अनुशासन बना रहे तो यात्रा न केवल सुगम और सुरक्षित होगी, बल्कि आम जन के व्यापक विश्वास का भी यह प्रतीक बन सकेगी। कांवडि़ए परस्पर संबोधन में और अन्यों द्वारा ‘भोला’ कहे जाने पर गद्गद् हो उठते हैं।

और समूचा परिदृश्य शिवमय हो उठता है, एक प्रकार की सकारात्मकता का अनुभव होने लगता है। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान हर दिन ऐसी खबरें भी मिल रही हैं कि कांवड़ किसी के छू जाने पर खंडित करार देकर कांवड़िए अपने आचरण को प्रेरक बनाएं उग्र रूप धारण कर लेते हैं, हिंसा, तोडफ़ोड़ पर उतारू हो जाते हैं। स्थिति की गंभीरता का इसी से पता चलता है कि दो दिन पहले उग्र कांवडिय़ों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और कांवड़ यात्रा को सुगमता से पूरी कराने में तैनात पुलिसकर्मियों के वाहन तक में तोड़-फोड़ कर डाली।

कई जगह राहगीरों को महज इस बात पर पीट डाला कि वे कांवड़ से बचकर नहीं निकल पाए और कांवड़ से छू गए। इस प्रकार का आचरण आम जन की आलोचना का कारण बन रहा है। और तो और उन योगी आदित्यनाथ तक को कांवडिय़ों को नसीहत देनी पड़ी जिन्होंने संभवत: पहली बार सरकार के स्तर पर कांवडिय़ों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की शुरुआत की। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान बीते दिनों की कुछ घटनाओं से व्यथित योगी तक को कहना पड़ा-शिवो भूत्वा शिवं यजेत अर्थात् शिव बनने के लिए शिव जैसी साधना भी चाहिए।

कांवड़ यात्रा के दौरान, जिस भी राज्य से कांवड़िए अपने आचरण को प्रेरक बनाएं गुजरते हैं, शासन-प्रशासन कांवडिय़ों के लिए सुविधाएं जुटाने में पूरे मनोयोग से जुटता है, और यात्रा संपन्न होने पर राहत की सांस लेता है क्योंकि लाखों के जनसमूह में कोई भी अप्रिय घटना किसी भी क्षण घट सकती है। इसलिए शिव भक्त कांवडिय़ों के लिए जरूरी हो जाता है कि अपने आचरण को प्रेरक बनाएं और आम जन को कोई असुविधा न होने दें ताकि कांवड़ यात्रा या कांवडिय़ों के प्रति उनके मन में कोई खिन्नता पैदा न होने पाए।

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