Headline
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास
अब सब विपक्षी दल वापस एकजुट होने लगे
निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल

भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में किया बदलाव, जानें क्या मिलेगा फायदा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव कर कस्टमर्स को बड़ी राहत दी है। क्रेडिट कार्ड धारक अब अपनी सुविधा के अनुसार कार्ड के बिलिंग साइकल को एक से अधिक बार बदल सकते हैं। पहले बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान सिर्फ एक बार ही ऐसा करने का मौका देते थे, लेकिन RBI ने यह सीमा हटाने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने हाल ही में यह नियम लागू किया है।

जानें- कैसे करें बदलाव
इसके लिए सबसे पहले पिछले की बकाया रकम को चुकाना होगा।
इसके बाद क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन या ईमेल के जरिए बिलिंग साइकल में बदलाव के लिए पूछना होगा।
कुछ बैंकों में आप ये बदलाव मोबाइल ऐप के जरिए भी कर सकते हैं।
इससे क्या मिलेगा फायदा?
कस्टमर अपनी सुविधा और पर्याप्त नकदी के अनुसार बिल पेमेंट की तारीख तय कर सकते हैं।
आप क्रेडिट कार्ड में ब्याज मुक्त अवधि को अधिकतम कर सकते हैं।
एक ही तारीख पर अलग-अलग क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर सकते हैं।

बिलिंग साइकल क्या है?
कस्टमर का कुल क्रेडिट कार्ड बिल हर महीने की 6 तारीख को आता है। ऐसे में इसका बिलिंग चक्र उस महीने की 7 तारीख से शुरू होगा और अगले महीने की 6 तारीख को खत्म होगा। इस 30 दिन की अवधि के दौरान किए गए सभी क्रेडिट कार्ड लेनदेन क्रेडिट कार्ड डिटेल्स पर दिखाई देंगे। इसमें सभी कार्ड पेमेंट, नकद निकासी, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की जानकारी शामिल है। कार्ड के प्रकार और क्रेडिट कार्ड प्रदाता के आधार पर यह बिलिंग अवधि 27 दिन से 31 दिन तक हो सकती है।

कस्टमर्स पर कैसे होगा असर?
अब तक केवल क्रेडिट कार्ड कंपनियां ही तय करती थीं कि कस्टमर को जारी किए गए क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकल क्या होगा। कई बार कस्टमर्स को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन RBI द्वारा नियम जारी किए जाने के बाद कस्टमर अपनी इच्छानुसार क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र/अवधि को एक से अधिक बार बदल सकते हैं।

मिनिमम बैलेंस पेमेंट करने से बचें
बैंक बिल का पूरा बकाया चुकाने के बजाय न्यूनतम पेमेंट करने का विकल्प भी देते हैं। लेकिन वे कस्टमर्स को यह नहीं बताते कि ऐसा करने से न केवल वर्तमान बिलिंग साइकल में बकाया राशि पर ब्याज लगता है, बल्कि बाद के बिलिंग साइकल में किए गए अन्य सभी लेनदेन पर ब्याज-मुक्त अवधि भी समाप्त हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि नियत तारीख के बाद किए गए सभी लेनदेन पर तब तक ब्याज लगता है जब तक कि कुल बकाया राशि पूरी तरह से चुका नहीं दी जाती। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने के लिए सबसे अच्छा है कि तय तारीख तक बिल का पूरा पेमेंट कर दिया जाए।

बदल जाएगी बिल पेमेंट की तारीख
यदि कोई कस्टमर अपना बिलिंग चक्र बदलता है, तो उसके क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की देय तिथि भी बदल जाएगी। यह देय तिथि विवरण की तारीख से 15 से 20 दिन तक हो सकती है। इसका मतलब है कि कस्टमर को 45 से 50 दिनों की ब्याज मुक्त अवधि मिलती है, जिसमें बिलिंग चक्र के 30 दिन और देय तिथि तक 15-20 दिन शामिल हैं। इस समय सीमा के भीतर पेमेंट करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top